प्रतिकर्षण
Sunday, 2 June 2013
जोर जबरदस्ती से
इंसानी खुदगर्जी के लिए
पन्थो के नित्य नए
इबादतगाह बनाये जाते है
पर अतिक्रमण तो
सौहार्द की जमीं का ही होता
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