प्रतिकर्षण
Friday, 19 July 2013
तेरी गुस्ताखियों पे
हम शांत है
आम तौर पे हम
अमन पसंद इंसान है
इसको तू हमारी
कमजोरी न समझना
हद में रहना
हमें ज्यादा मत कुरेदना
हम ठंडी राख के नीचे छुपे
दहकते अंगारों की खान है ...
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