प्रतिकर्षण
Wednesday, 21 August 2013
त्यौहारो पर बाज़ार हावी है
बस खरीदारी ही खरीदारी है
खुशियों के अब बदल गए मायने
तोहफों से ही तय होती औकात हमारी है…
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