Wednesday, 30 July 2014

प्राय: ही हम लोग ,अपने माँ -बाप या अन्य बुजुर्गो के लिए कुछ सामान  लेते समय उनकी उम्र को एक पैमाना मानकर  कटौतियाँ कर देते है.… अरे ये ही  ठीक लग रहा है ,अब इतना HI-FI  लेकर वो इस उम्र में क्या करेंगे ? और वे लोग हर बार.… अरे इसकी क्या जरुरत थी..... काम तो चल ही रहा था, तुमने बेकार में ही पैसे खर्च किये कह कर उसे सहर्ष स्वीकार कर लेते है.…
याद रहे आप आज जिस भी मुकाम पे मौजूद है यह उनकी उन कटौतियों के फलस्वरूप है जो उन्होंने जीवनपर्यन्त अपने में की है और आज भी कर रहे है.। 

माँ-बाप हमेशा साथ नहीं रहने वाले , इसलिए सर्वोत्तम पे पहला हक़ उनका है ,अगली बार बुजुर्गो के लिए कुछ खरीदते समय इस बात का ध्यान रखे 

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