आज अनुष्ठान का दिन है , पिछला पखवाड़ा काफी व्यस्त रहा.... terminal exams की वजह से सर उठाने की फुर्सत ही नहीं मिली... किताबों से फिलहाल छुटकारा ,सांप का जन्मदिन , लकड़ी की नयी Bike , कालू के नए Double cassette music system , और BBC को उनकी पुरानी मोहब्बत से इज़हार-ए -इश्क़ और न जाने क्या-क्या … वजहों की एक लम्बी सी फेहरिस्त है आज celebrate करने के लिए...न जाने कितने दिन पढाई की टेंशन में सूखे- सूखे निकल गए ...अब हर किसी की तरबतर होने की ख्वाइश है.…
पार्टी में किसी को निमंत्रण नहीं दिया जायेगा , शोरगुल को सुन जो अपना समझ के आ जाए उसका खैरमकदम , यहाँ कोई मेहमान नहीं पर कई दिनों से बचते रहे सांप , लकड़ी, कालू और BBC मेजबान जरूर है .... आज की शाम और कल की सुबह तक चलने वाले इस भव्य उत्सव के खर्चे के लिए आवश्यक मुद्रा इन्ही लोगो की जेबो से निकाली जायेगी ....
Contribution आ गया है , menu तय हो चुका है , जिम्मेदारियाँ बाँटी जा चुकी है , अब हर किसी को शाम होने का बेसब्री से इंतज़ार है…
आज कई दिनों बिखरा हुआ कमरा समेटा जा रहा है , किताबे और गंदे कपडे किसी तरह से अलमारी में ठूंस दिए गए है , गंदी हो चुकी चादर को झाड़ के उल्टा करके फिर से बिछा दिया है , लटकते हुए जालों को तौलिये के फटकों से हटा दिया गया फिर भी ये छोटे हो यत्र -तत्र ये झूलते हुए मुझे चिड़ाने की कोशिश कर रहे है ...
Study table खाली कर दी गयी है , झाड़ पोंछ के उसके ऊपर पुराना साफ़ -सुथरा हसीनाओं की विभिन्न हसीन मुद्राओ वाला रंगीन अख़बार बिछा दिया गया है , आज शाम इसे BAR-TABLE की पदवी से नवाज़ा जायेगा , सुरा पात्र विभिन्न कक्षों से एकत्र किये जा रहे है ....विभिन्न- विभिन्न आकार के प्लास्टिक , चीनी मिटटी, कांच और स्टील से निर्मित ये कप , गिलास, कटोरी और Coffee Mug आज अपने गठन के अंतर को खो हमारे परम आनंद की अनुभूति का माध्यम बनने वाले है और इनमे से कुछ का शहीद होना भी तय है....
Table lamp की गर्दन को मरोड़ उसे कमरे के एक कोने में दीवार से सटा के रख दिया गया , tube light पे रंगीन पन्नी चढ़ा दी गयी है गई है , एक ,दो फोटो और चंद अगरबत्तियों वाले अति सूक्ष्म मंदिर को साफ -सुथरे कपडे से ढक दिया गया है और और ईश्वर से क्षमायाचना करते हुए दियासलाई की डिब्बी धीरे से जेब के सुपुर्द कर दी गई है.....
आयोजन की सफतला हेतु सभी लोग जी जान से जुटे हुए है , विभिन्न परामर्श , वाद विवाद ,रूठने , मनाने की कवायदों की बीच समय धीरे-धीरे गुजर रहा है.… वाकई आज दिन काफी बड़ा प्रतीत हो रहा है....
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आंखिर शाम हो ही गयी , रिन्दों का जमावड़ा लग चुका है , जुबान रूपी असलहे से एक से एक उम्दा शब्द रुपी गोलियों की धका -धक बौछार है , सरगोशियों के लिए लेश मात्र भी स्थान नहीं , शोर अपने चरम पे है , सब कुछ व्यापक , स्थूल और अपने मूल स्वरुप में है, कुछ भी परिष्कृत नहीं …
बनाव -श्रृंगार, , सजे-धजे लिबास, उपहार, कार्ड , केक की औपचारिकताओं से परे विशुद्ध देशी माहौल है यहाँ , कमरा मद्धिम रंगीन रौशनी में सराबोर है , टेबल लैंप का छतोन्मुख प्रकाश अनुपम छठा बिखेर रहा है , हलकी आवाज़ में चल रही पंकज उधास की गज़ल हम से मैकदे और उसके घर में से किसी एक को चुनने की कश्मकश को बयां कर रही है , तरह-तरह का चखना बिस्तर के ऊपर रखे अखबार पे छोटे-छोटे चट्टो के रूप में विराजमान है, धूम्र दण्डिकाओ के पैकेट चरसियों की नजरों से दूर माचिस समेत आयोजको के जेबों में शोभा पा रहे हैं ,घुटन्ना और T -shirt ही सर्वमान्य dress कोड है और हर कोई यही जानने का इछुक कि मंगवाई किस Brand की है ?
अंगूर की बेटी की चमचमाती bottle अलमारी बाहर आ चुकी है , और सबकी आँखे फटी के फटी , पैसो की किल्लत की वजह से हमेशा बूढ़े पुजारी (OLD MONK) की शरण में रहने वाले मैपरस्तो को आज ROYAL CHALLENGE मयस्सर है और सब लगे है मोहन प्यारे की पीठ ठोकने , अपने बापू को पटा आर्मी कैंटीन से उसने यह बेहतरीन जुगाड़ जो किया है.…
मुस्कुराते हुए , गरियाते हुए सबका अभिवंदन स्वीकारते और सबकी शंकाओ का समाधान करते हुए वो तेज आवाज़ में कह रहा है .... पूरा इंतज़ाम है कम नहीं पड़ेगी… चाहे पियो या नहाओ.... J
बोतल खोली गई पर ये क्या अंदर तो जाली का एक और ढक्कन और मौजूद है , सभी दुविधा में ,अब इसे कैसे निकला जाये , इस नई अड़चन से कैसे पार पाया जाये , किसी ने पेंचकस तो किसी ने प्लास का मशवरा दिया लेकिन तभी राजा बाबू पंचलाइट के गोधन की तरह प्रकट हुए , बोतल को एक झटके अपने हाथ में उल्टा करके,घुमाते हुए के वहाँ मौजूद पैमानों में उड़ेलने लगे हमारे गंवार होने के तंज की साथ.…
सच ही तो है ज्ञान और अनुभव के आभाव में क्षुद्र से क्षुद्र चीज भी कितनी व्यापक और कठिन प्रतीत होती है.....
अब ये BOY'S HOSTEL की यह रिवायत बन चुकी है के सबसे पहले जय भैरव होगा , ढक्कन में भरके neat सुरा कमरे के अन्दर चारो दिशाओं की ओर उड़ेली जा रही है , जय भैरव का जाप हो रहा , असंतृप्त आत्माओं की शान्ति हेतु….
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पार्टी अब अपने पूरे शबाब पे है, , स्वच्छंदता चरम पे है , अभिव्यक्तियों की अतिरेक है , सीमाओं में बंधे रहने की किसी की भी मंशा नहीं , सभी अपने को व्यक्त करने में लगे है , तरीके भिन्न भिन्न है पर उद्देश्य एक ही है .… समस्त वर्जनाओं को तोड़ खुद से भी अनिभिज्ञ हो अपना सर्वश्रेष्ठ बेतकल्लुफ अंदाज़ प्रदर्शित करना .....
चखना निबट चुका है , Non Drinkers की फ़ौज cold drinks के साथ उसे चौपट कर चुकी है , कमरे और wing में भसड फ़ैली हुई है , music काफी loud है , पंकज उधास को अब Vengaboys प्रतिस्थापित कर चुके है , पसीने से लतपथ कुछ लोग अपनी बेजोड़ नृत्य क्षमता प्रस्तुत कर रहे और पकड़-पकड़ के सभी को वैसा ही करने के लिए बाध्य कर रहे है ....
भावनाए अब हिलोरे मार रही है , दोस्ती का वास्ता दिया जा रहा है , कुछ भी कर गुजरने की कसमे खायी जा रही है , कोई अपने मेहबूब को याद करके ग़मज़दा है , कोई अपनी भड़ास निकालने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहा है, कोई किसी से कोई पुराना हिसाब चुकता करने की बात कर रहा है ,कुछ खाली पडी बोतलों को जांघ से बार-बार रगड़ उसके अन्दर दियासिलाई डालने के खेल में मशरूफ है तो कोई उनको तीसरी मंजिल से नीचे पटक कर शहीद करने में....
कमरे और wing की हालत किसी युद्ध के उपरांत हुए विध्वंस की छवि प्रस्तुत कर रही है , स्टूल , कुर्सी , कूलर ,बाल्टी, मग्गे , गिलास ,नमकीन और चिप्स के खाली पैकेट इधर-उधर बिखरे हुए है , पता नहीं खाना किसने खाया , किसने नहीं खाया पर कुछ लोग आगे से ना पीने की कसमो के साथ उसे निकालने में जरुर लगे हुए है , गाली और concern के साथ कुछ साथी इन महानुभावो की पीठ सहला रहे है...
शिव के बांकी गण नारे लगाते ,शोर मचाते निकल चुके कॉलेज गेट की ओर इस भव्य अनुष्ठान में अपनी अंतिम आहुति देने , Divider पर बैठ सुन्दर की चाय पीने....
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