देखों पलभर में बीते पच्चीस साल
आज मिलके हुआ कितना सुखद अहसास...
लगता है कल की ही बात थी
एडमिशन वाले दिन
कितने नए चेहरे दिखे थे
डरे, मुस्कुराये कितने खुश हम लगे थे ..
कोल्ड ड्रिंक पेटिस ,पेस्ट्रीज
सीनियर्स ने ही सर्व किये थे ...
उस विशाल कक्ष में
कितने गरिमामयी क्षण हमने जिए थे ....
साथ-साथ गुजरे वो जीवन के बेहतरीन साल
नए मित्रो के संग हुई धमाचौकड़ी बेमिसाल ...
सुबह सुबह ८ बजे के लेक्चर के लिए रेस
बिना नाश्ते किये हम कदम बढ़ाते तेज
पहले gross बनाने के लिए कितनी मेहनत की
अक्ल आयी तो ट्रेसिंग पेपर की मदद ली..
frog पिथिंग ने कितना डराया
hemat lab में दूसरे के खून से काम चलाया
DH ने कुछ देखने की जद्दोजेहद ने
कितना मजमा लगाया
पहले पार्ट VIVA ने हाय कितना डराया ...
पहले टर्मिनल में हुए हम फेल
साथी की समान स्थिति देख
नहीं हुआ ज्यादा खेद ...
पहला प्रोफ पास करने में
जंग जीतने जैसा अहसास
HONEYMOON प्रोफ का आगमन
बेहद खास
चूरन चटनी (फार्मेसी लैब ) में
पके कितने सम्बन्ध
माइक्रो लैब में DR LOA का
कर्फ्यू माफिक प्रबंध
PATHO की स्लाइड्स
अबूझ पहली लगे
फॉरेंसिक में पहला POSTMORTEM देख
हम सिहर उठे
SPM ने गाँव गाँव घुमाया
तो कभी संडास , मक्खी, मच्छर
में उलझाया ...
फाइनल प्रोफ की कुछ अजब ही थी कहानी
सीनियर मोस्ट होने के साथ रिस रही थे जवानी
पढाई का विकराल पहाड़ सर पे खड़ा था
डॉक्टर बन जाने की आस परिवार कर रहा था
और हमको मालूम थी अपनी औकात
किसी तरह पास हो लगे न कोई दाग
वार्ड पोस्टिंग, CASE PRESENTATON ने
कितना कहाँ कहाँ नहीं दौड़ाया
रूम पार्टनर का स्कूटर कितना काम आया
याद है न वो प्रोफ से पहले
CASE, INSTRUMENT के लिए भागा दौड़ी
EXAMS की वो काली रातें व
वो ALPRAX की गोली
लड़कियों ने तो घर से
अपनी-अपनी मम्मियों को बुलाया
लडको सुट्टे ,चाय कॉफ़ी से काम चलाया
डरते सहमे सकपकाते
VIVA में क्या क्या नहीं
गुल खिलाया ...
इन सारे किस्सों ने हमे
पीढ़ी दर पीढ़ी हसाया...
इंटर्नशिप आते आते
बिछड़ने लगे संगी साथी
कुछ ने थामी किताबे
कुछ ने कर ली शादी ..
फिर छूट गयी जीवन की आपाधापी में
वो शनिवार की रातें
वो MEDIFEST की मस्ती
वो HOSTEL लाइफ की तमाम सौगाते
वो फैशन शो ,स्पोर्ट्स मीट AIIMS PULSE,
दूर छूटे पड़े है
तमाम जिम्मेवारी लादे हम
सिर्फ नोट गिन रहे है
नोट गिन रहे है
“सोचा था खरीद लूँगा तमाम खुशियाँ पैसे कमा के
पर मुद्दतो बाद यारो से मिला तो सारा भरम जाता रहा “
मिले है तो ऐसे मिले की फिर छूट न पायें
मै, तू को छोड़ २५ साल पहले के हम हो जायें
आज मिलके हुआ कितना सुखद अहसास...
लगता है कल की ही बात थी
एडमिशन वाले दिन
कितने नए चेहरे दिखे थे
डरे, मुस्कुराये कितने खुश हम लगे थे ..
कोल्ड ड्रिंक पेटिस ,पेस्ट्रीज
सीनियर्स ने ही सर्व किये थे ...
उस विशाल कक्ष में
कितने गरिमामयी क्षण हमने जिए थे ....
साथ-साथ गुजरे वो जीवन के बेहतरीन साल
नए मित्रो के संग हुई धमाचौकड़ी बेमिसाल ...
सुबह सुबह ८ बजे के लेक्चर के लिए रेस
बिना नाश्ते किये हम कदम बढ़ाते तेज
पहले gross बनाने के लिए कितनी मेहनत की
अक्ल आयी तो ट्रेसिंग पेपर की मदद ली..
frog पिथिंग ने कितना डराया
hemat lab में दूसरे के खून से काम चलाया
DH ने कुछ देखने की जद्दोजेहद ने
कितना मजमा लगाया
पहले पार्ट VIVA ने हाय कितना डराया ...
पहले टर्मिनल में हुए हम फेल
साथी की समान स्थिति देख
नहीं हुआ ज्यादा खेद ...
पहला प्रोफ पास करने में
जंग जीतने जैसा अहसास
HONEYMOON प्रोफ का आगमन
बेहद खास
चूरन चटनी (फार्मेसी लैब ) में
पके कितने सम्बन्ध
माइक्रो लैब में DR LOA का
कर्फ्यू माफिक प्रबंध
PATHO की स्लाइड्स
अबूझ पहली लगे
फॉरेंसिक में पहला POSTMORTEM देख
हम सिहर उठे
SPM ने गाँव गाँव घुमाया
तो कभी संडास , मक्खी, मच्छर
में उलझाया ...
फाइनल प्रोफ की कुछ अजब ही थी कहानी
सीनियर मोस्ट होने के साथ रिस रही थे जवानी
पढाई का विकराल पहाड़ सर पे खड़ा था
डॉक्टर बन जाने की आस परिवार कर रहा था
और हमको मालूम थी अपनी औकात
किसी तरह पास हो लगे न कोई दाग
वार्ड पोस्टिंग, CASE PRESENTATON ने
कितना कहाँ कहाँ नहीं दौड़ाया
रूम पार्टनर का स्कूटर कितना काम आया
याद है न वो प्रोफ से पहले
CASE, INSTRUMENT के लिए भागा दौड़ी
EXAMS की वो काली रातें व
वो ALPRAX की गोली
लड़कियों ने तो घर से
अपनी-अपनी मम्मियों को बुलाया
लडको सुट्टे ,चाय कॉफ़ी से काम चलाया
डरते सहमे सकपकाते
VIVA में क्या क्या नहीं
गुल खिलाया ...
इन सारे किस्सों ने हमे
पीढ़ी दर पीढ़ी हसाया...
इंटर्नशिप आते आते
बिछड़ने लगे संगी साथी
कुछ ने थामी किताबे
कुछ ने कर ली शादी ..
फिर छूट गयी जीवन की आपाधापी में
वो शनिवार की रातें
वो MEDIFEST की मस्ती
वो HOSTEL लाइफ की तमाम सौगाते
वो फैशन शो ,स्पोर्ट्स मीट AIIMS PULSE,
दूर छूटे पड़े है
तमाम जिम्मेवारी लादे हम
सिर्फ नोट गिन रहे है
नोट गिन रहे है
“सोचा था खरीद लूँगा तमाम खुशियाँ पैसे कमा के
पर मुद्दतो बाद यारो से मिला तो सारा भरम जाता रहा “
मिले है तो ऐसे मिले की फिर छूट न पायें
मै, तू को छोड़ २५ साल पहले के हम हो जायें
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