हमारे इश्क़ की मियाद खत्म है
रकीबों को हमारी ये हालत पसंद है
अपने कहे से मुकर रहे है बार -बार
लगता है मेहबूब को सियासत पसंद है
न टूटेंगे ,न बिखेरेंगे तुझ से जुदा हो के हम
हमारी शख़्सियत में अभी इतना दम है
बे रोक टोक जश्न मन रहा है तेरे जाने का
हमारे मैकदे की रौनक से दुनियां दंग है
रकीबों को हमारी ये हालत पसंद है
अपने कहे से मुकर रहे है बार -बार
लगता है मेहबूब को सियासत पसंद है
न टूटेंगे ,न बिखेरेंगे तुझ से जुदा हो के हम
हमारी शख़्सियत में अभी इतना दम है
बे रोक टोक जश्न मन रहा है तेरे जाने का
हमारे मैकदे की रौनक से दुनियां दंग है
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