Friday, 22 August 2014

जब जन है तो मत भी होगा ,और अगर मत है,,, वो तो निसंदेह अलग-अलग होगा।।। उत्कृष्ट होगा , निकृष्ट होगा (खुरपेची वाला ), नहीं भी होगा , पर ये अलग-अलग अलगाव पैदा न करे कुछ पोस्ट और विचार पढ़ के मन व्यथित हो जाता है। । अच्छे को सराहिये बुरे की निंदा कीजिये  जमकर कीजिये बाल की खाल निकालिये उसके अंदर के बबाल का भी विश्लेषण कीजिये मगर तर्क के साथ.… कुतर्क के लिए लेशमात्र भी स्थान नहीं।।। ऐसा लिखिए के पढ़ने वाले को  kick मिले वही सलमान खान वाला।।।






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