Monday 11 November 2013

उन्हें हमारे शौक से  शिकवा
हम उनकी बेजा फिक्र से नाराज 
हम  कभी-कभार  शौकिया  मैपरस्त
उनके हमेशा  उखड़े -उखड़े अंदाज़
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मैपरस्त=शराबी







Saturday 9 November 2013

हर रोज झाड़ा, पटका ,धोया और रगड़ दिया
पति था कपड़ा नहीं , तभी इतने साल चल गया

Friday 8 November 2013

अपनी बस यही हालत है.

तुम्हे पाने के ख्वाब कैसे देखे ?
अपनी तो नींद ही नदारद है
तुम से मिलने के बाद
अपनी बस  यही हालत है.…


Thursday 7 November 2013

झाड़ पे ऊँचा चढ़ा  गए
उनसे आशिकी के  ख्वाब दिखा गए 
दोस्त साले कमीने थे
बस सुपुर्द-ए -खाक करवा गए