प्रतिकर्षण
Friday, 22 March 2013
AK-56
तीन-तीन शादियां...
नशे के लिए जेल और पुनर्वास केंद्र
गैर कानूनी हथियार के लिए अब बीस साल बाद सजा ...
और मीडिया में सहानुभूति ...
तुलसीदास जी ने सच ही कहा है ...समरथ के नाही दोष गोसाईं
आप या मैं होते तो बहुत पहले ही लग चुकी होती...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment