अपनी इबादत का असर दिखने लगा है
कोई हमें देख अब हँसने लगा है
इफ्तिताह ए-इश्क़ में हो गई बड़ी मुश्किल
जमाना हम पे अब फ़िक़रे कसने लगा है
बदनाम हुए तभी तो नाम हुआ
उनकी रज़ा मंदी में दिल चैन से अब धड़कने लगा है
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इफ्तिताह=शुरुआत
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