अपनी जवानी फूल सी
और अपनों का बुढ़ापा
भार सा लगता है
जिंदगी का हर रिश्ता
तुमको व्यापार सा लगता है।
मत भूलो के
एक दिन तुम भी ढल जाओगे
जैसा बोया है तुमने
वैसा ही काट कर जाओगे …
और अपनों का बुढ़ापा
भार सा लगता है
जिंदगी का हर रिश्ता
तुमको व्यापार सा लगता है।
मत भूलो के
एक दिन तुम भी ढल जाओगे
जैसा बोया है तुमने
वैसा ही काट कर जाओगे …
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