Saturday, 4 July 2015

जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं ...

हर साल सर के  बाल  कम हो जाते है
बचे बालों में और भी  चांदी पाते  है  
चेहरे पे झुर्रियों की तादाद  बढ़ा जाते है 
रीसेंट पासपोर्ट साइज़ फोटो में  
कितना अलग नज़र आते है 
“अब कहाँ पहले जैसी बात “ कहते जाते है 
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

सुबह की सैर में चक्कर खा जाते है 
सारे मौहल्ले को पता पर हमसे छुपाते है  
दिन प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते है  
और तबियत  ठीक होने की बात फ़ोन पे बताते है 
ढीली हो गयी पतलून को  टाइट करवाते है
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

किसी के देहांत की खबर सुन घबराते है 
और अपने परहेजो की संख्यां  बढ़ाते है  
हमारे मोटापे पे हिदायतों के ढेर लगाते है 
‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत "हर दफे  बताते है 
"रोज की वर्जिश"  के फायदे गिनाते है  
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

हर साल बड़े शौक से बैंक जाते है 
अपने जिन्दा होने का सबूत दे कितना हर्षाते है  
जरा सी  बड़ी पेंशन पर फूले नहीं समाते है 
एक और नई  FIXED DEPOSIT करके आते है
खुद के लिए नहीं हमारे लिए ही बचाते है  
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

चीज़े रख के अब अक्सर   भूल जाते है 
उन्हें  ढूँढने में सारा घर सर पे उठाते है 
और मां को पहले की ही तरह हड़काते है 
पर उससे अलग भी नहीं रह पाते है 
एक ही किस्से को  कितनी बार  दोहराते है 
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

चश्मे से भी अब ठीक से नहीं देख पाते है 
ब्लड प्रेशर की  दवा लेने में आनाकानी मचाते है 
एलोपैथी  के साइड इफ़ेक्ट बताते हैं 
योग और आयुर्वेद की ही  रट लगाते हैं 
अपने ऑपरेशन को और आगे टलवाते है 
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते है 
लौकी , तुरई और धुली मूंग ही अधिकतर खाते है 
दांतों में अटके खाने को  तिल्ली से खुजलाते है 
पर डेंटिस्ट के पास कभी नहीं जाते  है 
काम चल तो रहा है की ही  धुन लगाते है 
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

हर त्यौहार पर  हमारे आने की बाट जोहते जाते है 
अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते है 
हमारी पसंदीदा  चीजों के  ढेर लगाते है 
हर  छोटे-बड़ी  फरमाईश पूरी करने  के लिए 
फ़ौरन  ही बाजार  दौडे चले जाते   है 
पोते-पोतियों से मिल कितने  आंसू टपकाते है 
देखते ही देखते जवान पिताजी बूढ़े हो जाते हैं  ...

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