झमाझम बारिश का इंतज़ार है
ये दिल फिर से बच्चा बनने को तैयार है
मुद्दतों से इक गुसलखाने में सिमटा हूँ मै
अबकी रूह तक तरबतर होने का ख्याल है
कुछ मट्टी में सने पाँव लेकर
माँ की उसी पुरानी डांट की दरकार है
गीले कपड़े, जूते और बस्तों समेत
कागज की कश्ती बनाने का विचार है
मसरूफ हो जुदा हो गया जड़ो से अपनी
यह दरख्त पुरानी जमीं के लिए बेकरार है
इस तरक्की ने कितना दूर कर दिया अपनो से
ये दिल फिर से छोटी-छोटी खुशियों का तलबगार है
ये दिल फिर से बच्चा बनने को तैयार है
मुद्दतों से इक गुसलखाने में सिमटा हूँ मै
अबकी रूह तक तरबतर होने का ख्याल है
कुछ मट्टी में सने पाँव लेकर
माँ की उसी पुरानी डांट की दरकार है
गीले कपड़े, जूते और बस्तों समेत
कागज की कश्ती बनाने का विचार है
मसरूफ हो जुदा हो गया जड़ो से अपनी
यह दरख्त पुरानी जमीं के लिए बेकरार है
इस तरक्की ने कितना दूर कर दिया अपनो से
ये दिल फिर से छोटी-छोटी खुशियों का तलबगार है
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