Friday 10 May 2013

सुबह होती है शाम होती है

फिलहाल तो यह आलाम है की 

सुबह होती है शाम होती है 

जिन्दगी यूही तमाम होती है...

अब वो पुराने यार ,पुरानी महफिले कहाँ..

चंद ज्यादा सिक्को की ख्वाइश में

फुर्सत से परे हमारी रातें 

बिन पिए यूहीं ही बदनाम होती है ...

jan 12 @ kashi

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