Friday 10 May 2013

वही मनुष्य है की जो मनुष्य के लिए मरे --- गुप्त

क्षुधार्त रति देव ने दिया करस्थ थाल भी

तथा दधिची ने दिया परार्थ अस्थि जल भी 

उशी नर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया 

सहर्ष वीर कर्ण ने शारीर वर्म दे दिया

अनित्य देह के लिए अनादी जीव क्या डरे 

वही मनुष्य है की जो मनुष्य के लिए मरे --- गुप्त

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