मनमोहन तुम धन्य हो ...
जनता द्वारा सीधे न चुने जाने पर ,
जुगत लगा सरकार बचाने पर,
जन लोकपाल को लटकाने पर,
जनपथ १० से चलाये जाने पर
मनमोहन तुम धन्य हो ...
कोयला खा पचाने पर,
कपिल-मनीष -चिदंबरम सरीखो को सर पर चढाने पर,
काला धन न वापस लाने पर,
केंद्र द्वारा राज्यों पर कानून थोपे जाने पर,
मनमोहन तुम धन्य हो ...
माया ,मुलायम व् अन्य विरोधियों को सीबीआई से नचाने पर,
ममता द्वारा नित्य नए रूप से धमकाने पर,
मंत्रियो के अपने मनमाफिक मंत्रालयों को चलाने पर
मिली जुली सरकार के मज़बूरी गिनाने पर
मनमोहन तुम धन्य हो ...
भारतीय सेना का मनोबल गिराने पर,
भारतीय रेल,एयर इंडिया आदि का भट्टा बैठाने पर,
भारतीय रुपये को चव्वनी बनाने पर,
भारतीयों को अपने ही देश में भगाए जाने पर
मनमोहन तुम धन्य हो ...
इतने सब के बावजूद कुर्सी से चिपक जाने पर
८ बार लाल किले पर तिरंगा फैराने पर
और रोती सी प्रतीत ध्वनि में राष्ट्र को संबोधित किये जाने पर
मनमोहन तुम धन्य हो .
aug 22, 2012 kashi
No comments:
Post a Comment