Thursday 9 May 2013

भ्रष्ट पर विस्फोट कर

नौजवान आगे बढ... 

अवरोधो से तू न डर


निकाल दे अवसाद को


अपने भीतर-बाहर से




नौजवान आगे बढ... 




कुरितियो पर चोट कर


भ्रष्ट पर विस्फोट कर


नव चिंतन की लौ जगा


देश मे परिवर्तन ला



नौजवान आगे बढ... 



निंद्रा  को दूर भगा 


चारो ओर स्फूर्ति ला


मशाल अब तू थाम ले


क्रांति का पैगाम दे



नौजवान आगे बढ... 



जाग गया अगर जो तू


वेग से चलेगी लू


पाप की आद्रता खत्म


सामाज लेगा पुनर्जन्म 



नौजवान आगे बढ... 



नवीन होगा सब सृजन


महत्वपूर्ण हर एक जन


मिटेगा वर्ण-जाति भेद


सम्पूर्ण राष्ट्र एकजुट एक



नौजवान आगे बढ... 



लुटेरे छोडेगे तख्त


विराजेगे देशभक्त


चाटुकारिता सब खत्म


सम्मानित होगा  श्रम



नौजवान आगे बढ... 



योग्य पायेगा पद


तय हर किसी की हद


लूट यू न कोई पायेगा


तेरा भय सतायेगा....



नौजवान आगे बढ... 



राजनीति होगी स्वच्छ 


पर्दाहीन सब प्रत्यक्ष

राष्ट्र उन्नति सबका लक्ष्य 

जागृत सत्ता-विपक्ष 


नौजवान आगे बढ... 


पुकार अब तू लगा 

धरा- व्योम को हिला 

युवा शक्ति अब जगा 

असल प्रजातंत्र दिला 

देश फिर स्वतंत्र देश करा  


देश फिर स्वतंत्र करा ......

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