Thursday 9 May 2013

hostel days

Broad daylight BC se....

हमारे PARA में भांति- भांति के लोग थे (कुछ....MC और कुछ BMC ) और मुझे ये कहने में तनिक भी संकोच नहीं हैं हम भी उन में से एक ...

लोगो को उनकी आदतों और क्रिया-कलापों के अनुसार विभिन्न वर्गो में वर्गीकृत किया गया था जो निम्न प्रकार से हैं

एक था Lucknow group जिनका एक पैर कानपुर में तो दूसरा लखनऊ में होता था ...हर Saturday को शाम के ट्रेन से लखनऊ भागना और Monday की गोमती से सुबह - सुबह कानपुर आना इनका नियम था । Lascitis के कीटाणु इनके खून में प्रचुर मात्रा में मौजूद थे और अक्सर इनहे बैच की लड़कियो के भारी-भारी बैग उठाते हुए देखा जा सकता था ..

दूसरा था लोकलिया ग्रुप ( कानेपुर वाले ) जो नाक की सीध में कॉलेज आते और नाक की सीध में घर चले जाते ...कॉलेज में क्या हो रहा है इन बातों से इन्हे कोई सरोकार न था ...हाँ कभी- कभी अपने व्यसनों को पूरा करने हेतु ये हॉस्टल रुक जाते थे

और तीसरा था हमारा ग्रुप - भसड़ी ग्रुप ...जिसमे हर जगह के लोग शामिल थे ...अगर आप भसड़ फैला सकते है तो आप इसमे शामिल हो सकते है ...किससी भी धर्म , जाति या शहर से इसका कोई वासता न था ..इनमे कई महानुभाव शामिल थे जिनका वर्णन इस प्रकार से है :-

1. कालू:- हफ्ते में एक बार नहाना इनके काम था ...ये verbal diarrhea में माहिर थे ...कमरे में अगर कबूतर आ जाए तो वो भी marinate हो कर शाम की पार्टी का snack बन जाता था

2.BBC- .इनकी ectopic vocal cords थी ..ज़ोर से बोलते थे तो पीछे से पैजमा हिलता था

3.Sandy बाबू:-खोए -खोए रहना ही इनकी शैली थी ...1st prof में spleen पर question आया ,ये supra renal पर answer लिख आए ...पढ़ीइश टाइप के थे इसलिए खूब रोना धोना मचाया ...बुड़े पुजारी (old Monk) की शरण में इनको काफी आराम मिलता था ...पीजी दिल्ली से की और सुना है वो इनहोने वहाँ काफी झंडे गाड़े

4.मोहन प्यारे - सीधे सादे आदमी थे ...पूजा पाठ करते थे ...हमारी संगत ,और जूनियर बैच की लड़की की एकतरफा मोहब्बत में ने इन्हे काफी सताया

5 लकड़ी - जैसा नाम वैसा काम ...हमेशा लकड़ी करना ...लोकलिए थे मगर लोकलिए वाले गुण नही थे ...हमेशा hyper रहते थे ...क्रिकेट का बहुत बड़े-बड़े Enterobius vermicularis थे इनके अंदर ....हमेशा ही खुजाते रहते थे ..।

6.नीटू लाल :- किसी को भी झाड पे चड़ाने के फन में माहिर ...हमारे बैच की कई सारी असफल प्रेम कहानियो और GPL के प्रमुख दोषी ....

7.बरगोटी बाबू -इनका बस चलता तो बीएच-2 में दूध की dairy खोल लेते...jaat बाबू है इसलिए दूध-दही के बहुत शौकीन थे ...हमारी तेल फलाऊ कमेटी में तेल की आपूर्ति करें वाले ये ही थे ..।

8.साँप - इनहोने GH में किसी को डसा ..बस उसी दिन से इनका नामकरण हो गया ..प्रबल बजरंगी थे ...थोड़े दिनों के लिए फिसल गए थे ... जीएच की चौकेदारी से इन्हे हम भसड्डियों की संगत ज्यादा रास आई ...सही समय पर वापस लौट आए

9 Toad- बिना बरसात वाले मेढक थे ..हमेशा नज़र आते थे ...लखनऊ वाले थे मगर लखनऊ वालों की गुण नहीं ...एक प्रकार से ये हमारे बैच के supplier थे (गद्दे के नीचे रखे जाने वाले साहित्य के )...

10.मेजर बाबू ...निहायत ही नजाकत और नफासत पसंद ...final year में आ के प्यार की पींगे बड़ाई ...और पींगे इतनी तेजी से बड़ाई की एक दिन प्रेमिका के दीदार के लिए उनके घर के दीवार ही फांद ली...बाल बाल बचे (या केवल बाल ही बचे ...TOP SECRET) 

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