Thursday 9 May 2013

HONEYMOON PROF

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HONEYMOON PROF

हमारे समय में डेढ़ साल के first prof के बाद 2nd prof को honeymoon prof कहा जाता था ...वैसे भी Anatomy ,Physiology और Biochemistry जैसे तीन आसुरी विषयो से निबटने के बाद सब कुछ सुखद ही नज़र आता है…

भसड़ईयो के लिए यह prof मदिरा पान से परिपूर्ण था ...और ऐसी ही झोंक में एक दिन रात 9 बजे दारु पार्टी का प्रोग्राम बना ...और इसमे शामिल हुए मै और राजा बाबू

राजबाबू हमारे बैच के Archaeopteryx थे ... i mean to say connective link...इनमे आधे गुण लसुओ वाले व आधे गुण भसड़ईयो वाले थे ...

आर्यनगर की दुकान से सोमरस लाया गया ... नए खिलाड़ी थे इसलिए एक ही अध्धे (half) में हम दोनों टाइट हो गए .. और फिर जैसा की मदिरा सेवन के बाद होता है

• Tu to Mera bhai hai
• You know i am not drunk...
• Gaadi mai Chalaunga
• Tu bura mat manana bhai
• Mai teri Dil Se Izzat Karta hu
• Abe bol daal aaj usko, aar yaa paar....
• Aaj saali Chad nahi rahi hai kya bat hai
• Tu Kya samajh raha hai mujhe chad gayi hai
• Ye mat samajh ki piye me bol raha hu
• Abe yaar kahin kam to nahi padegi itnee...
• Chhote, Ek Ek Chhota aur ho Jae
• Baap ko mat Sikha.
• Yaar magar tune mera dil tod diya...
• Kuchh bhi hai par saala Bhai hai Apna
• Tu Bolna Bhai, kya chahiyeJaan chahiye hazir hai आदि आदि (courtesy facebook) के बाद हमने भी बीएच-2 में भसड़ मचाना प्रारंभ कर दिया ..और सबसे पहले इसकी लपेट में आया हमारे बैच का topper मक्कू डार्लिंग (वैसे ये भी गज़ब के थे इनका वर्णन फिर कभी )

इनके कमरे में घुसने के कोशिश करते समय खूब हो हल्ला हुआ और दरवाजे पे लगा काँच इसकी बलि चढ़ गया ...

कहावत है ना जब किस्मत में लिखे हो **डे तब कहाँ से खाओगे पकोड़े???

और हल्ले गुल्ले के इस माहौल मेँ हॉस्टल में entry हो गई कॉलेज के तपेदिक रोग विशेषज्ञ डॉ ***यार Sir की ..

Sir हमारे समय मेँ नए-नए proctor बने थे और गज़ब का आतंक था इनका,

वैसे लस्सू लोग Sir के GH पे निरंतर पड़ने वाले छापो से पहले ही प्रताड़ित हो चुके थे और अब BH मेँ भसड़ईयो की बारी थी…

नया मुल्ला प्याज ज्यादा खाता है-- उसी तरह Sir भी हम लोगो के पीछे करम चंद जासूस की तरह लग गए...

मै भाग के मोहन प्यारे के कमरे (BH-2 Room No 36) में रज़ाई ओढ़ के सोने का नाटक करने लगा पर हमारी किस्मत तो GKL से लिखी हुई थी…

कुछ देर बाद कमरे में Sir की एंट्री हुई ...बारीकी के कमरे का निरक्षण करने के बाद वे कमरे से जाने वाले ही थे के अचानक उनकी नज़र रज़ाई पर पड़ी ...तुरंत वापस लौटे और रज़ाई हटा दी ....

जो सोया हो उसे उठाना आसान है पर जो सोने की एक्टिंग कर रहा हो उसे कठिन ... मोहन प्यारे को भरसक प्रयास कराने के बाद हम आँख मलते हुए खड़े हुए ...

कड़कती आवाज मेँ सर ने कहा- "क्यो हॉस्टल मेँ दंगा मचाने वाले तुम ही थे ना "

हम कुछ बोल पाते उससे पहले ही हम से आती मदिरा की महक ने हमारा पक्ष खराब कर दिया.

जाते हुए Sir बोले - MEET ME IN MY OFFICE TOMORROW AT 10 AM और हाँ अपने साथ अपने साथी को भी ले आना ।

अगले दिन में और राजा बाबू सिर झुकाये Proctor office में Sir के सामने मौजूद थे ।

हम दोनों को A4 size पेपर थमाते हुए वे बोले- लिखो कल हॉस्टल में क्या क्या हुआ …

हमने एक दूसरे को देखा और ऑफिस से बाहर निकाल आए….

एक संक्षिप्त विचार-विमर्श के बाद हमने जो लेटर लिखा था वह इस प्रकार है:-

To
The Proctor
GSVM Medical College
Kanpur

Respected Sir

After drinking we were creating nuisance in BH -2 and caught red handed by you. We deeply regret this and we promise that such thing will never be repeated in future.

Sir ने हमारा लेटर पड़ा और मुसकुराते हुए बोले :-

अगर आगे से कोई शिकायत आई तो ये लेटर फ़ाइल में जाएगा नही आई तो कूड़ेदान में…

लेकिन मुझे लगता है Sir ने हमारी साफ जुबानी से खुश होकर हो लेटर हमारे जाने के बाद ही कूड़ेदान में फाड़ के फेक दिया था क्योंकि हमारी खुराफाते तो आगे भी बदस्तूर जारी रही पर उस लेटर का प्रयोग हमारे खिलाफ कभी नही हुआ ..

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