मैंने खाई बाँसी रोटी
और पीया
लहसुन-काले नमक वाला मट्ठा
मारा ऐसा पाद
पूरा class रह गया हक्का-बक्का ...
हवाओं में मूली के परांठे लहरा रहे है
रसोई में बावर्ची नहीं
पैखाने में बाबूजी ही जोर लगा रहे है ...
और पीया
लहसुन-काले नमक वाला मट्ठा
मारा ऐसा पाद
पूरा class रह गया हक्का-बक्का ...
हवाओं में मूली के परांठे लहरा रहे है
रसोई में बावर्ची नहीं
पैखाने में बाबूजी ही जोर लगा रहे है ...
No comments:
Post a Comment