प्रतिकर्षण
Thursday, 11 July 2013
जिंदगी के मायनों को
जिंदगी के मायनों को
बदलते देखा है
अपने को अपने आप में
सिमटते देखा है
शिकायत किसी से भी नही
कई बार खुद को
खुद की ही नज़रों में
गिरते देखा है ....
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