अपनी ज़िन्दगी
सांप-सीढ़ी का ही खेल है
किस्मत पासे सा फेकती
और हर दफे सांप से ही मेल है
सीढ़ी खुद बने हुए है
लोग चढ़ते रहते
कहते हम बड़े नेक है
इस्तेमाल करते
और भूल जाते
इस काया में
डंक के चिन्ह अनेक है
इस्तेमाल करते
और भूल जाते
इस काया में
डंक के चिन्ह अनेक है
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