Friday, 5 July 2013

हमारी आवारगी से जलने वालो...

हमारी आवारगी से
जलने वालो...
हमको सिर्फ कमज़र्फ
समझने वालो...
हम पे बेवजह
तोहमते  मढने  वालो..

एक रोज
हमारे पास भी आओ
कुछ इस दिल की
मैकदे में साथ  बैठ
पैमाने तो  टकराओ

यकीनन तुम्हारे ख्यालात
बदल जायेंगे
जब घर की जानिब लौटते
दो जनाबो के कदम
एकसंग लड़खड़ाएंगे ...

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