हम तुम्हारी कला से अनभिज्ञ
तुम हमारे हुनर से अनजान ...
तो फिर क्यों न
छोड़े सारी अदावते
एकसाथ मिल हासिल करे
और नए मुक़ाम
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अदावत =शत्रुता =enmity
तुम हमारे हुनर से अनजान ...
तो फिर क्यों न
छोड़े सारी अदावते
एकसाथ मिल हासिल करे
और नए मुक़ाम
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अदावत =शत्रुता =enmity
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