Wednesday, 19 June 2013

सियासी  दंगल करते 
कथित धर्मनिरपेक्ष दल 
उछाल खूब कीचड़ 
एक दूसरे पर रहे मल 

विरोधी की कमी निकालते  
छोड़ते कोई कोर-कसर 
खुद की बात हो 
तो तुरंत ही जाते बिफर 

रंग को भी देखते
समुदाय विशेष से जोड़कर 
अल्पसंख्यको का रहनुमा होने  का 
स्वांग रचते हर पल 

स्वार्थ सिद्धि के लिए 
लोगो को बरगलाते कसकर 
अनहोनी का भय दिखा
दिलों में मैल भरते , भीतर घुसकर 

मानवीय संवेदनाओ को भड़का 
वोट पाते दुसप्रचार कर
इंसानी जिंदगियो  को सीढ़ी बना 
चढ़ते नित्य सत्ता -शिखर पर ...




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