***NO LIFE IN A METRO ***
कि आदमी की छाती पे ही
सवार है आदमी
हरतरफ देखो कितने
बेशुमार आदमी ...
बस, ट्रेन ,मेट्रो में
ठसा-ठूंस आदमी
काम की जल्दी में कितना
बत्तमीज आदमी ...
खत्म न होती Rat Race में
शामिल है आदमी
अपने पेट के लिए
साथी की रोटी छीनता आदमी
कंकरीट के इस जंगल में
रहता है आदमी
भूखे भेड़ियों से भी
जालिम है आदमी ...
खुदगर्जी के लिए
रिश्ते बनाता आदमी
और घर के अपनों से ही
नज़रे चुराता आदमी
पैसे के झाड़ पर ही
चढ़ता आदमी
क्या सही क्या गलत
कुछ भी न देखे ये आदमी ...
कि आदमी की छाती पे ही
सवार है आदमी
हरतरफ देखो कितने
बेशुमार आदमी ...
बस, ट्रेन ,मेट्रो में
ठसा-ठूंस आदमी
काम की जल्दी में कितना
बत्तमीज आदमी ...
खत्म न होती Rat Race में
शामिल है आदमी
अपने पेट के लिए
साथी की रोटी छीनता आदमी
कंकरीट के इस जंगल में
रहता है आदमी
भूखे भेड़ियों से भी
जालिम है आदमी ...
खुदगर्जी के लिए
रिश्ते बनाता आदमी
और घर के अपनों से ही
नज़रे चुराता आदमी
पैसे के झाड़ पर ही
चढ़ता आदमी
क्या सही क्या गलत
कुछ भी न देखे ये आदमी ...
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