कब्र पे उनकी आये हो,
जरा सब्र तो धरो
अब तो मुखातिब हो ,
मुखतलिफ न रहो
न कर पाएंगे तुमसे
अब वो जिरह
दो फूल अकीदत के
कम से कम पेश तो करो। …
जरा सब्र तो धरो
अब तो मुखातिब हो ,
मुखतलिफ न रहो
न कर पाएंगे तुमसे
अब वो जिरह
दो फूल अकीदत के
कम से कम पेश तो करो। …
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